Jawahar NAvodaya Vidyalaya (JNV) Ki Yaaden
मेरे मित्र
सभी की जिन्दगी में कुछ कमीने दोस्त आते हैं…… जाहिर सी बात है की मेरी भी जिंदगी में आये होंगे.... जी हाँ बचपन में मेरे कई दोस्त थे पर वास्तव जिंदगी ये हिस्सा तब शुरू हुआ जब मैं स्कूल गया पहली क्लास में मेरा कोई अच्छा दोस्त नहीं बना और पूरा साल मैं टीचर से पिटता रहा जब मैं दूसरी कक्षा में पहुंचा तो मेरे दो दोस्त बने राम जतन और रवि मैं और राम जतन पढने में काफी अच्छे थे पर रवि को पढ़ना बिलकुल नहीं आता था कक्षा में उसे पिटता देख हमे बहुत दुःख होता था लेकिन बाद में हम उसका काफी मज़ा लेते थे
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